Saturday, June 29, 2013

अमीरी










 
इस कदर जिंदगी यु आगे बढती गयी ....
उफ़ निकली जो दिल से तो मुस्कराहट बढती गयी ...


में कहा ...में असल क्या हु कुछ पता न चला ...
बेवजह सारी मुर्तियो को पुजती रही ..
एक था सहारा आज वो भी गया ...
न जाने क्यों ऐ खोने से डरती रही ....
ना कुछ मेरा ..ना पाना ...ना खोना ..
फकीर बनी तो जाने अमीरी बढ़ती गयी ...
- सौमिषा 

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